यूनिवर्सिटी से बनी टेरर फैक्टरी अल फलाह का मालिक कौन,सामने आया इंदौर कनेक्शन,तीन साल तिहाड़ में रहा जावेद


यूनिवर्सिटी से बनी टेरर फैक्टरी अल फलाह का मालिक कौन,सामने आया इंदौर कनेक्शन,तीन साल तिहाड़ में रहा जावेद

मनोज बिसारिया | 16 Nov 2025

 

नई दिल्ली।अल फलाह यूनिवर्सिटी का मालिक 61 वर्षीय जावेद अहमद सिद्दीकी तीन साल जेल में रह चुका है।अहमद पहले चिट फंड का काम करता था, उसके बाद उसने लोगों को पैसे नहीं दिए थे।अहमद के खिलाफ 14 से 15 रिपोर्ट दर्ज हुई थीं। माना जा रहा है कि अहमद ने इन पैसों से यूनिवर्सिटी को खड़ा करने में लगाया।हालांकि बाद में अहमद ने सभी लोगों का पैसा लौटा दिया। वह सभी केसों से बरी हो गया था। 

2000 में दोनों भाइयों पर दर्ज हुई थी एफआईआर 

साल 2000 दर्ज हुई एफआईआर (संख्या 43/2000) में अहमद सिद्दीकी और उसके भाई सऊद अहमद का नाम दर्ज किया गया था, जो नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 406 और 409 (आपराधिक न्यास का उल्लंघन), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज की गई थी। उन पर 7.5 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप था।

बीटेक सिविल इंजीनियरिंग में किया हुआ है

मालिक जावेद अहमद सिद्दीकी ने इंदौर से बीटेक सिविल इंजीजिनयर में किया हुआ है। इसके बाद जावेद ने साल 1992 में जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में एसिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नौकरी करना शुरू किया। यहां जावेद ने जनवरी 1994 तक नौकरी की। बता दें कि जावेद की दोनों बहनें दुबई में रहती हैं।दोनों बेटे भी दुबई में रहते हैं।

नौ कंपनियों से रहा है संबंध

जावेद अहमद सिद्दीकी अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का अध्यक्ष है। जावेद फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर चलाता है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी का संबंध नौ कंपनियों से है, जिसका मैनेजिंग ट्रस्टी जावेद अहमद सिद्दीकी है। जावेद इन नौ कंपनियों का डायरेक्टर है, जो कि इनवेस्टमेंट, शिक्षा, सॉफ्टवेयर, ऊर्जा, निर्यात और कंसल्टेंसी से जुड़ा है।

पहले भी बड़े कांड में फंस चुकी है यूनिवर्सिटी

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से इंजीनियरिंग की डिग्री ले चुके जावेद अहमद सिद्दीकी अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का अध्यक्ष है।अल फलाह विश्वविद्यालय अब उस जांच के केंद्र में है, जिसमें रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए धमाके में शामिल उग्रवादी डॉक्टरों के मॉड्यूल का खुलासा हुआ है, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई थी। इस साजिश से जुड़े तीन डॉक्टर उमर उन नबी, जो धमाके वाली कार चला रहा था, मुजम्मिल अहमद गनाई, जिसे 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया, और शाहीन शाहिद, जिसे 11 नवंबर को लखनऊ से पकड़ा गया अल-फलाह में पढ़ाता था।

जांच में खुल रही हैं कई परतें

रिकॉर्ड के अनुसार जावेद अहमद सिद्दीकी का सबसे पुराना संबंध अल-फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी से है, जिसमें वह 18 सितंबर 1992 को शामिल हुआ था। अन्य कंपनियों में अल-फलाह सॉफ्टवेयर, अल-फलाह एनर्जीज, तर्बिया एजुकेशन फाउंडेशन और अल-फलाह एजुकेशन सर्विस शामिल हैं, जिसमें जावेद हाल ही में (26 दिसंबर 2023 को) जुड़ा।अधिकांश कंपनियों का रजिस्ट्रेशन का पता एक ही है- 274-A, अल-फलाह हाउस, जामिया नगर, ओखला, नई दिल्ली। यही वही बिल्डिंग है, जहां से अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट संचालित होता है।


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