वाराणसी।मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को काशी में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने समाज में जातीय विद्वेष फैलाने और नियमों की परवाह न करते हुए दूसरों के लिए समस्या खड़ी करने वाले तत्वों को कड़ा संदेश दिया है।
जौनपुर में जबरदस्ती बड़ा ताजिया उठाने की से हाईटेंशन तार की चपेट में आकर 3 लोगों की मौत और उसके बाद रास्ता जाम करने वालों का उदाहरण देते हुए सीएम योगी ने कहा कि यह सब नहीं चलने दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि सावन के महीने के ठीक पहले मोहर्रम का आयोजन हुआ।हमने ताजिया की ऊंचाई के लिए एक नियम निर्धारित किया। अब एक आयोजन के लिए हम हाईटेंशन तार हटाए।एक बड़े गांव या शहर के लिए बिजली बाधित कर दें तो यह तो उन लोगों के साथ अन्याय है जो बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं।आप बिना बिल का भुगतान किए,बिना सड़क का चार्ज दिए अपनी यात्रा निकालना चाहते हैं और इसके बाद किसी के घर के बरजे को तुड़वा रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि एक पेड़ को लगने में 40-50 साल लगते हैं,आप उसकी टहनी कटवा रहे हैं।हमने कहा कि यह तो नहीं होगा।जौनपुर में जबरदस्ती उन्होंने एक बड़ा ताजिया उठाया। बाद में वो हाईटेंशन तार की चपेट में आया, तीन लोग मर गए। इस पर उन्होंने रास्ता जाम कर दिया। पुलिस ने पूछा क्या करें,मैंने कहा लाठी मारकर बाहर करो इनको क्योंकि ये लातों के भूत हैं बातों से नहीं मानेंगे नहीं। जब हमने कहा था कि आप हाईटेंशन तार की चपेट में आ सकते हो, इससे ऊंचा नहीं करना, इसके बावजूद किया। हमने उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया।
सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के प्रति और गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने लिए संघर्ष के प्रतीक हैं भगवान बिरसा मुंडा।सीएम ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जो विरासत है वो हमें राष्ट्रीय एकता की उन्हीं चुनौतियों से जूझने के लिए राष्ट्रीय एकता प्रदान कर रहा है। उस प्रेरणा से हम कुछ सबक सीख सकें। उन्होंने ब्रिटिशर्स और जमींदारी के शोषण के खिलाफ आंदोलन किया था। अगर हम इससे कुछ सीख सकेंगे तो आपकी चुनौती कम होगी।
सीएम ने बिना किसी का नाम लिए समाज में जातीय विद्वेष फैलाने की कोशिश करने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जो सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाते हैं और उसके बाद एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाने का काम करते हैं।तीन साल पहले की आगजनी की एक घटना का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जब उस घटना के वीडियो फुटेज निकाले गए तो आगजनी करने वाला एक व्यक्ति केसरिया गमछा बांधे हुआ था,लेकिन आगजनी करते-करते उसका गमछा खुल गया और उसकी असलियत सामने आ गई और हिंदुओं की एक जाति को बदनाम करने की कोशिश का पता चल गया।
सीएम योगी ने कहा कि छुपे हुए वे दुश्मन जो समाज की शांति को भंग करना चाहते हैं यदि हम समय रहते उन्हें चिह्नित कर उनका वॉक आउट कर सकें तो समाज की एकता में बाधक ऐसे तत्वों को बेनकाब किया जा सकता है। सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय एकता को और सु्दृढ़ बनाने में हम मदद कर सकते हैं। यह आज सबसे बड़ी आवश्यकता है।
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में यह व्यवस्था बनाई गई है कि अस्त्र-शस्त्र से आप प्रदर्शन नहीं करेंगे।नहीं तो मोहर्रम का हर जुलूस उत्पात,आगजनी और तोड़फोड़ का कारण बनता था। बहन-बेटियां सड़क पर नहीं निकल पाती थीं। कोई उस समय नहीं बोलता था,लेकिन दूसरी तरफ आप देख रहे होंगे कि कांवड़ यात्रा जिसमें समाज के हर वर्ग का व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के जुड़ा हुआ है,लेकिन मीडिया ट्रॉयल होता है, बदनाम किया जाता है,उन्हें उपद्रवी और आतंकवादी तक बोलने का दुस्साहस होता है। सीएम ने कहा कि यह वह मानसिकता है जो हर प्रकार से भारत की विरासत को अपमानित करना चाहती है। ये वही लोग हैं जिन्होंने जनजातीय समुदायों को हर कीमत पर भारत से अलग करने का प्रयास किया,उन्हें भड़काने का काम किया,ये वही लोग हैं जो भारत की आस्था का हमेशा अपमान करते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि सावन के पावन अवसर पर कांवड़ यात्री भक्ति भावना से चलते हैं,लेकिन यहां दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा कांवड़ियों को आतंकवादी बोला जाता है,कांवड़ियों को अपमानित किया जाता है। सीएम ने कहा कि ऐसा करके विरासत को अपमानित किया जाता है। साथ ही सनातन धर्म की आस्था को अपमानित किया जा रहा है। कांवड़ियों को उपद्रवी कहना गलत है।